सब कुछ रुक गया है सब कुछ थम गया है!
पर ये समय चलता जारहा है !
बैठे है सकुन से घरो में आज!
आज ये ख्याल आया है!
सकून से जी रहे है सब अब
जिंदगी जीने का ख्याल आया हैं
समय के चक्र में उलझे थे सब!
उस उलझन को सुलझाने का ख्याल आया है!
भूले बिसरे थे सब अपने अब तक
अब सबका ख्याल आया है.
जो जिंदगी की रफ़्तार में दो पल सकून के ढूंढ ते थे!
अब उसी रफ़्तार से जीने का ख्याल आया है!
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